आनंद के पापा के पास, लगभग सब कुछ था, अच्छी जॉब, लविंग फैमिली और भरोसेमंद दोस्त, लेकिन उन्हें अक्सर, अपनी जिंदगी में खालीपन सा लगता था। वो दुनिया में एक बदलाव लाना चाहते थे। लेकिन कुछ खास नहीं कर पा रहे थे। एक दिन ऑफिस से घर की तरफ ड्राइव करते हुए, उन्होंने डिसाइड किया कि- अब से, वो, जो कुछ भी करना चाहते हैं, चाहे वो खुद की खुशी के लिए है या दूसरों के लिए, वो उसके लिए वक्त निकालेंगे। उन्होंने अपने पर्सनल और प्रोफेशनल, लक्ष्य तय किए। रोजाना व्यायाम करने
लगे, सेहत का ख्याल रखने लगे। और तो और, अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताना भी, शुरू कर दिया। और जैसे-जैसे, वो ये सब करते गए, उन्हें लगा- अब वो पहले से कहीं ज्यादा खुश थे और एक मीनिंगफुल जिंदगी जी रहे थे। उन्हें अपनी जिंदगी की दिशा और उद्देश्य समझ आ गया। वो समझ गए कि जिंदगी वही है, जैसा हम इसे बना देते हैं। ये सब देखकर, उनके आसपास के लोग भी, उसी बदलाव को अपने जीवन में लाने की कोशिश करने लगे।